मित्रो समूह में कुछ साथी युवा है...कुछ साथियो की रचनाएँ...हमें वरिष्ठ साथियो की रचनाओं की तुलना में कच्ची-पक्की भी लग सकती है...लेकिन जैसी भी हो..हमारे साथियो की रचनाएँ होंगी...उन पर हम खुलकर बात करेंगे...उन्हें जो सुझाव दिया जा सकना संभव होगा...देंगे...किसी भी विधा की परिपक्व रचना पर वैसे भी ज्यादा बोलने की गुंजाइश न रहती...लेकिन युवा साथियो की रचना पर बात करने की भरपूर संभावनाएँ...रहती है...मैं जिन भी साथियो को टिप्पणी के लिए रचनाएँ भेजूंगा..उनसे मेरी केवल एक ही गुजारिश होगी कि..वे एक बेहतर कुम्हार की भूमिका का निर्वहन करने की
कोशिश करे.....
09.01.2015
कोशिश करे.....
09.01.2015
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